ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर उदयनिधि स्टालिन का पुतला फूंका,
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर उदयनिधि स्टालिन का पुतला फूंका,
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दोपहर लगभग 1:00 बजे अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अंतर्गत महापरिषद के संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय पर उदयनिधि स्टालिन का पुतला फूंका। पुतला दहन के पूर्व हुई बैठक में काशी हिंदू विश्वविद्यालय, पत्रकारिता विभाग के आचार्य डॉक्टर ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने बताया कि गत दिनों मुंबई में हुई बैठक में मौजूदा सरकार के विरुद्ध विपक्षी गठबंधन के पहले ही सत्र में खुले मंच से स्टालिन उदयनिधि का यह बयान कि “सनातन को समाप्त करने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट हैं” बेहद शर्मनाक, आपत्तिजनक एवं निंदनीय है। राजनैतिक दल का विरोध करते हुए कुछ राजनेता सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का विरोध करने लगे हैं,जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है।सनातन हिंदू धर्म इस देश का प्राण है और सनातन धर्म के विचारों के कारण ही पूरे विश्व में भारत को सम्मान भी प्राप्त होता है।
ऐसे में राजनैतिक मंच से खुलेआम सनातन धर्म को समाप्त करने की बात कहना इस देश को समाप्त करने की भावना का प्रकट होना है।अभिषेक निगम ने बताया कि महापरिषद ने अपने व्यय पर उदयनिधि स्टालिन को खतना करने के लिए कुल्हाड़ी और उनके असली पहचान को सामने लाने के लिए बुर्का उनके पते पर भेजने का निर्णय किया है। संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने बताया कि महापरिषद ने निर्णय किया है कि अधिक से अधिक रामलीला समितियों से संपर्क कर उनको भी उदयनिधि स्टालिन का पुतला उपलब्ध कराया जाएगा।जिससे दशहरे के पावन पर्व पर रावण के साथ सनातन धर्म को मिटाने का स्वप्न देखने वालों उदयनिधि स्टालिन का भी पुतला फूंका जा सके।
प्रतीक सर्राफ ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन और उससे जुड़े सभी राजनैतिक दलों को अपनी मर्यादा का पालन करना चाहिए था। जो भी राजनीतिक व्यक्ति और संगठन उदयनिधि स्टालिन के साथ होंगे महापरिषद उनके विरुद्ध भी आंदोलन और जन जागरण कर समाज से उनके विरोध का आग्रह करेगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे। अवनीश त्रिपाठी, मणिकांत,बाला,आलोक,अनुराग,आर्यन, पतञ्जलि पाण्डेय शिवेन्द्रमनी, पीयूष, हिमांशु, अनिरुद्ध उपस्थित रहे.