बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी नोवारटिस द्वारा चार सौ कर्मचारियों की सामूहिक छंटनी करने का लगाया आरोप
बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी नोवारटिस द्वारा चार सौ कर्मचारियों की सामूहिक छंटनी करने का लगाया आरोप
कंपनी में कार्य करने वाले कर्मचारियों ने घर पर आर्थिक संकट आने का लगाया आरोप
वाराणसी। कोरोना काल में बेतहाशा लाभ कमाने वाले दवा उद्योग में कर्मचारियों पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं, बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी नोवार्टिस के सीईओ संजय मुर्देश्वर ने नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड के एस्टेब्लिशड मेडिसिन डिवीजन के पूरे सेल्स प्रमोशन फील्ड वर्कर्स के कार्य को एक झटके में समाप्त कर 400 परिवारों का जीवन संकट में डाल दिया है। ऐसा इस दवा कंपनी में वाराणसी के कार्य करने वाले चार कर्मचारियों ने आरोप लगाया। आगे उन्होंने कहा कि देश भर में दवा उद्योग में कार्यरत लाखों दवा प्रतिनिधि एवं सभी श्रम संगठन इस सामूहिक आक्रमण से स्तब्ध हैं और नोवार्टिस प्रबंधन के खिलाफ अत्यधिक आंदोलित हैं। नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड ने डॉ रेड्डीज लैब्स के साथ अपने उत्पादों वोवेरान, कैल्शियम रेंज और मेथरजिन का वितरण समझौता किया है। इस समझौते के साथ नोवार्टिस की उक्त डिवीजन के पास कोई उत्पाद नहीं रह गया है और डिवीजन के साथ काम करने वाले सभी कर्मचारियों की सेवा उनकी किसी भी गलती के बिना समाप्त कर दी गई है। दिलचस्प बात यह है कि प्रबंधन ने इन कर्मचारियों को अदालतों में लंबित मामलों के बावजूद बर्खास्त किया है।प्रबंधन तंत्र द्वारा अनसुना किये जाने पर कर्मचारियों की ओर से नोवार्टिस कर्मचारी संघ ने मुंबई न्यायालय में वाद दाखिल किया। न्यायालय द्वारा कंपनी को कोई भी न्यायविरुद्ध कार्य न करने के लिए आदेशित किया गया। कर्मचारियों की ओर से नोवार्टिस कर्मचारी संघ द्वारा श्रमायुक्त कार्यालय मुंबई में मांग पत्र (Charter of Demands)भी दाखिल किया गया था।
संराधन की कार्रवाई में कर्मचारी एवं प्रबंधन प्रतिनिधि भाग ले रहे थे। इसी बीच जब न्यायालय और श्रमायुक्त कार्यालय में सुनवाई लंबित और जारी थी ज्ञात हो कि दिनांक ११/०२/२०२२ को कंपनी ने अपने ४०० कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के बर्खास्त कर दिया जो कि कंपनी के इन सभी कर्मचारियों व उनके परिवार के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं था। वैसे ही देश में लाखों बेरोजगार। वैसे ही देश में बेरोजगारों की संख्या लाखों करोड़ों में है। नोवार्टिस कंपनी ने 400 परिवारों का भविष्य अंधकार में कर दिया जिससे कर्मचारियों के परिवार में बेटे बेटियों की शिक्षा का भविष्य अंधकार में होता दिख रहा है। बर्खास्त होने वालों में वाराणसी के शशि भूषण चतुर्वेदी जोनल कन्वेनस नोवर्टिस एम्पलाई यूनियन संजय तिवारी ज्वाइंट जोनल कन्वीनर नोवर्टिस एम्पलाई यूनियन मनीष मिश्रा सदस्य नोवर्टिस एम्पलाई यूनियन शरद उपाध्याय रीजनल ग्रीवास कमेटी सदस्य बनारस के कुल 4 और पूर्वांचल से 10 और उत्तर प्रदेश से कुल 35 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। कंपनी ने एक सोची समझी रणनीति के तहत विगत 20 वर्षों में 50 से अधिक उत्पादों को इस डिवीजन के दवा प्रतिनिधियों से जानबूझकर छीन लिया ताकि इसे व्यावसायिक रूप से अव्यवहारिक घोषित किया जा सके। इस कंपनी में कार्यरत दवा प्रतिनिधियों ने प्रतिकूल परिस्थितियों में कड़ी मेहनत की वर्षों तक बिना किसी प्रचार समर्थन के नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड के चालीस साल के पुराने उत्पाद पोर्टफोलियो को सिर्फ अपने वर्षों के अनुभव एवं कौशल के दम पर वृद्धि देते रहे हैं। नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड के ४०० सौ दवा प्रतिनिधि इस अवैध बर्खास्तगी के आगे नहीं झुकेंगे और प्रबंधन को जवाब देते हुए इस अन्याय के खिलाफ हर मोर्चे पर कार्रवाई करेंगे और देश के कानून निर्माताओं और श्रम प्रवर्तन अधिकारियों तक अपनी आवाज बुलंद कर सकें जिनके अधिकार को भी नोवार्टिस प्रबंधन की इस कार्रवाई से चुनौती दी गई है।