मुख्य सचिव ने निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के सम्बन्ध में किया बैठक
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जीआई उत्पाद के निर्यातकों की समस्याओं के समाधान, ब्राण्डिंग तथा मार्केटिंग के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित
प्रदेश में समेकित रूप से जीआई उत्पादकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान, ब्राण्डिंग तथा मार्केटिंग के माध्यम से उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किया जायेगा राज्य स्तरीय जीआई बोर्ड का गठन
लकड़ी व पत्थर के खिलौनों हेतु रॉ मैटेरियल बैंक की स्थापना हेतु भेजा गया प्रस्ताव
वाराणसी के एयर कारगो रेट्स को तार्किक बनाये जाने हेतु वाराणसी में कस्टम क्लियरेंस की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार को भेजा जाएगा
वाराणसी, सोमवार 19 जुलाई। प्रदेश में समेकित रूप से जीआई उत्पादकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान, ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग के माध्यम से इन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जीआई बोर्ड का गठन किया जायेगा। उक्त निर्णय सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित जीआई उत्पादों के विकास हेतु आहूत बैठक में लिया गया। जिसमें कमिश्नरी सभागार से कमिश्नर दीपक अग्रवाल एवं उद्योग विभाग के अधिकारी वर्चुअल जुड़े रहे। उक्त प्रस्तावित बोर्ड का मुख्य कार्य जीआई उत्पादों के विकास हेतु रणनीति का निर्धारण तथा उसके क्रियान्वयन हेतु आवश्यक निर्देश पारित करना होगा। इसके अतिरिक्त प्रस्तावित जीआई बोर्ड जीआई पंजीयन हेतु नये पोटेंशियल उत्पादों को चिन्हित करने, उनके डाक्यूमेंटेशन उत्पादक समूह के गठन आदि के कार्य, वर्तमान जीआई पंजीकृत उत्पादों की ब्राण्डिंग व मार्केटिंग तथा गुणवत्ता नियंत्रण आदि के सम्बन्ध में मेकेनिज्म का निर्माण करेगा। जीआई बोर्ड प्रदेश के जीआई उत्पादों के विकास के सम्बन्ध में नियमित समीक्षा बैठकें भी करेगा। इस प्रस्तावित जीआई बोर्ड में डिपार्टमेन्ट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्रीज एण्ड इंटरनल ट्रेड भारत सरकार, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन, कृषि, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, उद्योग निदेशालय, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, फॉरेन ट्रेड, जीआई रजिस्ट्री चेन्नई, एपीडा, टेक्सटाइल कमेटी मुम्बई, नाबार्ड आदि के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, डॉ. रजनीकांत, अधिशासी निदेशक ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन वाराणसी तथा प्रदेश के जीआई उत्पादों/क्राफ्ट से सम्बन्धित उद्यमी संगठनों के रोटेशन आधार पर अधिकतम 03 प्रतिनिधि प्रस्तावित किये गये हैं। उक्त बोर्ड के कार्यों का निष्पादन निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो उत्तर प्रदेश द्वारा किया जायेगा। इससे पूर्व विगत बैठक में लिये गये निर्णयों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा में बताया गया कि जीआई उत्पादों के निर्यात हेतु मण्डल स्तरीय समिति का गठन किया जा चुका है, जिसमें भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भी सम्मिलित किया गया है।
जीआई सेण्टर की स्थापना के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि वाराणसी में पूर्व से ही जीआई सेण्टर स्थापित हैै, जीआई सेण्टर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बौद्धिक संपदा जैसे ट्रेड मार्क, जीआई पेटेंट्स आदि के सम्बन्ध में जागरूकता का प्रसार करना है। बैठक में बताया गया कि निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो द्वारा प्रदेश के 26 जीआई उत्पादों से सम्बन्धित जनपदों में स्टेकहोल्डर्स के मध्य जागरूकता पैदा करने एवं आवश्यक हैण्ड होल्डिंग सपोर्ट प्रदान करने हेतु कार्य योजना तैयार कर ली गई है तथा शीघ्र ही इसका क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया जायेगा। जीआई उत्पादों हेतु प्रशिक्षण एवं कौशल विकास हेतु ट्रेनिंग प्रारंभ किये जाने के सम्बन्ध में बताया गया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग का अस्थायी सेण्टर दीनदयाल हस्तकला संकुल बड़ालालपुर वाराणसी में संचालित है। जीआई उत्पादों के लिए रॉ मैटेरियल बैंक की स्थापना के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि लकड़ी के खिलौनों हेतु रॉ मैटेरियल बैंक की स्थापना का प्रस्ताव भेजा गया है। सिल्क की उपलब्धता के सम्बन्ध में बताया गया कि वर्तमान में बंगलौर में तैयार होने वाली सिल्क की सप्लाई की जा रही है, जो कि चीन के सिल्क की अपेक्षा सस्ता पड़ता है एवं इसकी गुणवत्ता भी अच्छी है। जीआई उत्पादों की ब्राण्डिंग हेतु वर्चुअल एक्जिीबिशन के आयोजन के सम्बन्ध में बताया गया कि वाराणसी में फिजिकल तथा वर्चुअल प्लेटफार्म पर वृहद जीआई एक्सपो एक्सपो का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें 50 स्टॉल पर प्रदेश के सभी जीआई पंजीकृत उत्पादों को प्रदर्शन एवं बिक्री हेतु रखा गया। वर्चुअल प्रदर्शनी में करीब 35 देशों के बायर्स द्वारा स्टाल विजिट किये गये। भदोही स्थित आईसीडी को पुनः ऑपरेशनलाइज किये जाने हेतु निर्धारित मानकों के अनुरूप 6000 कंटेनर्स प्रतिमाह भेजे जाने की अनिवार्यता है, जबकि वर्तमान में 10676 कंटेनर्स भेजे जा रहे हैं, जिसके दृष्टिगत फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। वाराणसी के एयर कारगो रेट्स को तार्किक बनाये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि वाराणसी में कस्टम क्लियरेंस की सुविधा नहीं होने के कारण रेट्स में अंतर आता है, जिस पर मुख्य सचिव ने वाराणसी में ही कस्टम क्लियरेंस की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार से पत्राचार करने के निर्देश दिये। जीआई उत्पादों हेतु बारकोड प्रदान किये जाने के मैकेनिज्म के विकास के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो द्वारा विशेषज्ञ संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है, जिस पर मुख्य सचिव ने माह जुलाई, 2021 में ही प्रक्रिया को पूरी करने के निर्देश दिये। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से भारत सरकार के सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह, उपायुक्त उद्योग विरेंद्र कुमार, डॉ. रजनीकांत जनरल सेक्रेटरी ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन वाराणसी, जीआई रजिस्ट्री चेन्नई, नाबार्ड, हैण्डलूम, टेक्सटाइल, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग आदि के अधिकारीगण, आदि उपस्थित थे। बैठक में प्रजेन्टेशन एवं संचालन अपर मुख्य सचिव एमएसएमई तथा निर्यात प्रोत्साहन नवनीत सहगल द्वारा किया गया।