व्रती माताओं ने छठ मैया सूर्य षष्ठी का निर्जला व्रत किया शुरु
वाराणसी
छठ महापर्व सूर्य षष्ठी की शुरुआत बुधवार से व्रती महिलाओं ने किया नहाए खाए के बाद व्रती महिलाएं खरना मना रही हैं परंपराओं के अनुसार खरना की पूजा के बाद छठी मैया का व्रती महिलाओं के घर आगमन हो जाता है शाम को खरना के बाद व्रती महिलाओं के 36 घंटे की निर्जला व्रत की भी शुरुआत हो जाएगी जिसका पारण 21 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर व्रती महिलाएं करेंगी, आस्था के महापर्व डाला छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जा रहा है खरना कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि को मनाया जाता है खरना का अर्थ शुद्धिकरण होता है व्रती महिलाओं को संतान प्राप्ति के पर्व डाला छठ के दूसरे दिन खरना की तैयारी व्रती महिलाएं करती हैं आज के दिन विशेष प्रसाद बनाने की परंपरा है महापर्व छठ के व्रत को बहुत कठिन माना जाता है और इसे करने में विशेष सावधानी बरतनी होती है कहा जाता है कि जो व्रती महिलाएं सभी नियमों का पालन करती हैं उनकी मनोकामना वर्ष भर के अंदर पूरी हो जाती है