विश्वपटल पर लक्षचण्डी महायज्ञ से भारत बनेगा विश्वगुरु : स्वामी प्रखर जी महाराज
यज्ञशाला की परिक्रमा से होगी मनोवांछित फल की प्राप्ति : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी
वाराणसी । वैश्विक महामारी कोरोना के शमूल विनाश, भारत देश की आंतरिक एवं बाह्य सीमाओं की सुरक्षा के सहित भारत को विश्वगुरु बनाने के संकल्प को लेकर परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज के सानिध्य में काशी के केदार खण्ड स्थित पौराणिक द्वारिकाधीश मंदिर में विराजमान भगवान के प्रतिरूप के समक्ष चल रहे विराट श्री लक्षचंडी महायज्ञ में शनिवार को वैदिक विधि विधान द्वारा दुर्गाशप्तशती के श्लोकों द्वारा आहुतियां दीं गयीं। प्रातः कालीन बेला में 250 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा शंकुलधारा द्वारिकाधीश मंदिर के समक्ष सुंदर लाल वस्त्रों में ब्राह्मण मध्य पोखरे में जे टी पर बैठकर प्रातःकालीन संध्यावंदन के उपरांत दुर्गाशप्तशती पाठ का वाचन कर रहे थे, मंत्रों की गुंजायमान ध्वनि में ऐसा आभास हो रहा था कि हमेशा शैवाल युक्त पानी से भरा पोखरा वैदिक रीतियों के बीच विहंगम सरीखा हो गया हो। तत्पश्चात मुख्य आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में सुनील दीक्षित सहित अन्य आचार्यों ने मुख्य यजमानों द्वारा दैनिक पूजन अर्चन के बाद महायज्ञ में दुर्गाशप्तशती के श्लोकों से आहुतियां दिलवायीं। इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी श्री प्रखर जी महाराज ने महायज्ञ में उपस्थित भक्तों के समक्ष कहा कि मोक्ष भूमि काशी नगरी का केदारखण्ड अत्यंत पवित्र माना जाता है। काशी के इस खंड में मृत्यु होने पर दिवंगत व्यक्ति की आत्मा मोक्ष को जाती है। भगवान शिव की प्रिय नगरी में ऐसी पावन जगह पर महायज्ञ में आहुतियां छोड़ने का जो सुअवसर हम लोगों को मिला है यह न केवल सौभाग्य का विषय है बल्कि बिना विश्वनाथ की कृपा के संभव नहीं है, यहां यज्ञ करने से निश्चित ही संकल्प की सिद्धि होकर भारत देश कोरोना मुक्त होकर विश्वगुरु की राह पकड़ेगा। प्रखर महाराज के शिष्य स्वामी पूर्णानन्द पुरी जी ने आयोजन में आने वाले भक्तों से अपील करते हुए कहा कि काशी की धरा पर केदारखंड में पहली बार लक्षचण्डी माहायज्ञ में सभी शिव भक्त भारत सरकार एवं प्रदेश के शासन, प्रशासन द्वारा दिये गए गाइडलाइन का पालन करते हुए यज्ञशाला की परिक्रमा कर पुण्य के भागी बनें। महायज्ञ के उपरांत नित्यप्रतिदिन मां गंगा आरती पर आधारित यज्ञ परिसर में विराजमान मां भगवती की महाआरती हुई जिसमें आचार्य गौरव शास्त्री, आत्मबोधप्रकाश ब्रह्मचारी, चंदन सिंह, गोलू सिंह, अमित पसारी, दिशा पसारी, तनीषा अरोड़ा, गौरव तिवारी, अंकित अग्निहोत्री, कुलदीप तिवारी सहित दर्जनों भक्तों ने उपस्थित होकर आशीर्वाद लिया।