गंगा के बढ़ते जल स्तर पर प्रशासन की पहली नजर
गंगा के बढ़ते जल स्तर पर प्रशासन की पहली नजर
बाढ़ चौकियां तत्काल क्रियाशील करें- जिलाधिकारी
संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनहानि, पशुहानि को बचाने और प्रशासन द्वारा प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों को राहत कैम्पों में सुरक्षित रखने की व्यवस्था तेजी से सुनिश्चित की जाय- कौशल राज शर्मा
वाराणसी, सोमवार 2 अगस्त। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा द्वारा सोमवार को कैम्प कार्यालय पर बाढ़ राहत से सम्बन्धित बैठक करते हुए मजिस्ट्रेटों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थापित होने वाली बाढ़ चौकियों को क्रियाशील करायें। इसके साथ ही इन बाढ़ चौकियों पर ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों व गोताखोरों की बैठक पर आवश्यक दिशा-निर्देश दें। उन्होंने कहा कि जनपद में गंगा नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है जो 2 अगस्त को 66.52 पहुंच चुका है और यह खतरे के निशान के काफी करीब है। ऐसी स्थिति में प्रभावित होने वाले स्थानों को चिन्हित करते हुए वहां की जनहानि, पशुहानि को बचाने और प्रशासन द्वारा प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों को राहत कैम्पों में सुरक्षित रखने की व्यवस्था तेजी से सुनिश्चित की जाय। राहत कैम्पों के संचालन हेतु संबंधित तहसील के उप जिला अधिकारी द्वारा नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश दिया जो नायब तहसीलदार से नीचे स्तर का न हो। राहत कैम्पों में साफ सुथरे बिस्तर, तकिये, चादर, चारपाई पंखे आदि की व्यवस्था के साथ ही स्वच्छ, पोषण युक्त ताजा भोजन प्रतिदिन दो बार देने की व्यवस्था व बच्चों एवं वृद्धि के भोजन में केला, दूध, बिस्कुट,सत्तू आदि भी सम्मिलित किया जाए। कैम्प में स्वच्छ पेयजल व निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया तथा वैकल्पिक रूप से जेनसेट, सोलर लालटेन का भी प्रबंध किया जाय। बाढ़ राहत कैम्पों पर सुरक्षा के प्रबंध के निर्देश के साथ महिलाओं की विशेष सुरक्षा हेतु 24 घंटे महिला गार्ड की ड्यूटी लाने की हिदायत दी। राहत कैम्पों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों/गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण व आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराने तथा डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा नियमित रूप से कीटनाशक दवाओं व चूना आदि का छिड़काव किया जाय। प्रत्येक राहत कैम्प हेतु समस्त विभाग द्वारा अपने विभाग से एक नोडल अधिकारी नामित करने तथा उसका नाम व मोबाइल नंबर कैम्प के द्वार पर लिखे जाने का निर्देश दिया गया। कैम्प में शरणार्थियों के लिए मनोरांजन कक्ष/स्थल चिन्हित कर उसमें टेलीविजन/रेडियो /समाचार पत्र आदि की व्यवस्था की जायेगी। राहत कैम्प में महिलाओं एवं पुरूषों के लिए पृथक-पृथक टॉयलेट एवं स्नानघर की व्यवस्था की जायेगी व उनके नियमित रूप से साफ-सफाई हेतु आवश्यक प्रबंध किये जायेंगे। कैम्प में महिला कर्मचारी के माध्यम से महिलाओं के मध्य सैनेटरी नैपकिन का वितरण तथा इसके डिस्पोजल की उचित व्यवस्था की जायेगी। भोजन बनाने के स्थल/रसोई घर व खाने वाले स्थान में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जायेगा। हाथ धोने के लिए साबुन तथा भोजन हेतु स्वच्छ प्लेट, ग्लास आदि की व्यवस्था की जायेगी। राहत कैम्प में बच्चों के लिए खेलने एवं पढ़ने की समुचित व्यवस्था की जायेगी। बच्चों को पढाने के लिए शिक्षा विभाग से शिक्षकों की ड्यूटी लगायी जायेगी। कैम्प में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों/गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण तथा पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाईयां, 108/102 एम्बुलेन्स एवं 24 घंटे डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। बाढ़ से प्रभावित पशुओं को राहत उपलब्ध कराने हेतु पशु राहत कैम्प की स्थापना कर संचालन किया जायेगा। उक्त कैम्प में पशुओं के लिए चारा, स्वच्छ पेयजल एवं पशुओं में हाने वाली बीमारी-खुरपका, मुंहपका आदि की रोकथाम हेतु टीकाकरण एवं आवश्यक दवाओं आदि की व्यवस्था की जायेगी। पशु कैम्पों में प्रतिदिन साफ-सफाई सुनिश्चित की जायेगी तथा कैम्प में पशुचिकित्साकों की पालीवार रूप से ड्यूटी लगाई जायेगी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा अपने विभाग से एक नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा। राहत कैम्पों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम को स्थापित किया जायेगा तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कैम्प में रहने वाले शरणार्थियों के साथ मधुर व्यवहार अपनाया जायेगा। बाढ़ राहत कैम्प में निवासित समस्त व्यक्तियों का नाम, पता, फोन नम्बर एवं कैम्प में रहने की अवधि का विवरण रजिस्टर में सुरक्षित रखा जायेगा। बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत कैम्प के बारे में जानकारी प्रदान करने हेतु समाचार पत्र, मीडिया एवं अन्य संचार माध्यमों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा।
राहत कैम्पों के प्रबंधन में लगे हुए अधिकाररियों/कर्मचारियों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं, रोटरी/लायंस क्लब, सिविल डिफेंस आदि के वालेन्टियर्स को पहचान पत्र प्रदान किये जायेंगे तथा उन्हे अनिवार्य रूप से पहनने के लिए निर्देशित किया जायेगा ताकि कैम्प में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। बाढ़ के दौरान सर्पदंश एवं बिच्छूदंश आदि की घटनाएं प्रायः घटित होती है, जिसके लिये पर्याप्त मात्रा में आवश्यक इंजेक्शन/दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। कैम्प की समाप्ति के बाद कैम्प स्थल की समुचित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जायेगी।
राहत कैम्प की विडियो फुटेज व फोटो आदि आपदा विशेषज्ञ, वाराणसी के व्हाट्सएप्प नम्बर 8957662020 पर प्रतिदिन अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर बाढ़ कन्ट्रोल रूम की स्थापना तत्काल कर दी जाये। कन्ट्रोल रूम का संचालन (24×7) के आधार पर किया जायेगा एवं इसमें 8-8 घण्टे की शिफ्टवार अधिकारियों/कार्मिकों की ड्यूटी लगायी जायेगी। बाढ़/अतिवृष्टि के दौरान आकाशीय बिजली से जनहानि/पशुहानि की घटनायें घटित होती है। मौसम विभाग के आकाशीय विद्युत की पूर्व चेतावनी प्राप्त होने की दशा में ग्राम प्रधान के माध्यम से पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा आमजन को सचेत/सूचित करने की व्यवस्था भी करने का निर्देश दिया। बैठक में सभी मजिस्ट्रेट सहित सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।