स्वामी करपात्री जी की पुण्य स्मृति में विद्या मठ में कराया जा रहा अखंड संकीर्तन
स्वामी करपात्री जी की पुण्य स्मृति में विद्या मठ में कराया जा रहा अखंड संकीर्तन
धर्म साम्राज्य का संरक्षण ही धर्मसम्राट् को सच्ची श्रद्धाञ्जलि – स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द
वाराणसी, शुक्रवार 26 फरवरी। केदार घाट स्थित विद्या मठ में धर्मसम्राट् स्वामी करपात्री जी महाराज का आराधना महोत्सव मनाकर उनका पुण्यस्मरण किया गया। उनका स्मरण करते हुए 24 घण्टे चलने वाले अखण्ड संकीर्तन का आरम्भ कर रहे हैं। धर्मसम्राट् ने अपने जीवन में धर्मराज्य का, रामराज्य का स्वप्न देखा था। उनके विचारों एवं धर्म के प्रति दृढ निष्ठा व समर्पण को देखते हुए समाज ने उनको धर्मसम्राट् की उपाधि प्रदान की परन्तु जब तक हम उनके धर्मराज्य के, रामराज्य के स्वप्न को पूरा करने हेतु अपने जीवन को आगे नहीं बढ़ाएंगे तब तक अन्य सभी कार्य केवल स्मरण मात्र बना रह जाएगा। धर्मराज्य का संरक्षण ही सच्चे अर्थों में धर्मसम्राट् के प्रति सच्ची श्रद्धाञ्जलि होगी। उक्त उद्गार जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के शिष्य प्रतिनिधि दण्डी स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज ने आज गुजरात स्थित काशी विश्वनाथ मन्दिर के महन्थ ब्रह्मचारी राम चैतन्य जी की अध्यक्षता में काशी के केदार क्षेत्र के शंकराचार्य घाट पर स्थित श्रीविद्यामठ में व्यक्त किए। उन्होने आगे कहा कि धर्म पर आज चारों ओर से प्रहार हो रहा है। मन्दिर तोडे जा रहे हैं, गाय काटी जा रही है, गंगा पाटी जा रही है, गुरु परम्परा को एवं वर्णाश्रम को समाप्त करने का षड्यन्त्र हो रहा है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में हम सबको एकजुट होकर करपात्री जी महाराज के विचारों को आगे बढाने का प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम में दत्तात्रेय मठ के दिव्यस्वरूप ब्रह्मचारी, धर्मदत्त डिण्डीनाथ जी महाराज, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के न्यूरोलाजी विभाग के डा विजयनाथ मिश्र, हरेन्द्र शुक्ल, भारत धर्म महामण्डल के डा श्रीप्रकाश पाण्डेय, काशी विदुषी परिषद् की डा सावित्री पाण्डेय ने अपने विचार व्यक्त किए। प्रमुख रूप से सुबह-ए-बनारस के सुनील शुक्ल, लेखक सुरेश प्रताप, सतीश अग्रहरि, सदानन्द तिवारी, सुनील पाण्डेय हरिप्रकाश पाण्डेय आदि जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के हुआ। आचार्य पं भूपेन्द्र मिश्र जी के आचार्यत्व में धर्मसम्राट् का आराधना महोत्सव 16 ब्राह्मणों का षोडशोपचार पूजन से सम्पन्न हुआ। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे महामन्त्र का संकीर्तन 10 पण्डितों द्वारा किया जा रहा है। पं कृष्ण कुमार तिवारी ने कार्यक्रम का संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन ब्रह्मचारी मुकुन्दानन्द ने किया।