मंत्री स्वाति सिंह ने महिला एवं बाल विकास के कार्यों की समीक्षा की
मंत्री स्वाति सिंह ने महिला एवं बाल विकास के कार्यों की समीक्षा की
कैंप लगाकर निराश्रित महिला पेंशन योजना के पात्रों के फार्म भरवाए-मंत्री स्वाति सिंह
डोर टू डोर संपर्क अभियान चलाकर कन्या सुमंगला योजना में फार्म भरवाए
अधिकारी जनप्रतिनिधियों से सतत संपर्क रखें और कैंपो/कार्यक्रमों में उनके माध्यम से लोगों को सहायता उपलब्ध कराएं
वाराणसी, सोमवार 2 अगस्त। उत्तर प्रदेश की बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह सोमवार को सर्किट हाउस में विभागीय अधिकारियों की बैठक कर प्रगति की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि जनपद में गत वर्ष 54651 निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी गई है। इस वर्ष अब तक 749 महिलाओं को नई पेंशन स्वीकृत हो चुकी है। मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि पूरे जनपद में जगह-जगह कैंप लगाकर समस्त पात्र महिलाओं की निराश्रित पेंशन योजना में फार्म भरवा कर स्वीकृति की कार्रवाई करें। कोई पात्र महिला छूटने नहीं पाए। इसमें जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर उनके द्वारा बताए स्थानों पर कैंप लगाएं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में गत वर्ष 2929 लाभार्थियों को लाभ दिया गया। मंत्री स्वाति सिंह ने निर्देशित किया कि इसमें आगनबाडी के माध्यम से घर-घर जाने का अभियान चलाकर फार्म भरवाए। यह सरकार की बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें बालिका के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई तक विभिन्न 06 चरणों में 15 हजार रुपये आर्थिक सहायता का प्रावधान है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में 159 बच्चों को योजना लाभ से लाभान्वित किया जा चुका है इसके अतिरिक्त स्पॉन्सरशिप योजना में 26 बच्चों को 2000/- प्रति माह से लाभान्वित किया जा रहा है तथा 235 नए बच्चों का चिन्हीकरण कर उन्हें लाभान्वित करने की कार्रवाई की जा रही है।
जनपद में संचालित वन स्टॉप सेंटर द्वारा महिला व बालिकाओं की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 173 महिला/बालिकाओं को सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं। बताया गया कि ज्यादातर शिकायतें महिला की घरेलू हिंसा की आती है। उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के माध्यम से विभिन्न 09 धाराओं में पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय प्रक्रिया के दृष्टिगत 3 लाख से 10 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता के रूप में उपलब्ध कराने का प्रावधान है। अब तक 69 पीड़ित महिलाओं को क्षतिपूर्ति प्रदान की जा चुकी है।आईसीडीएस की समीक्षा में पाया गया कि जनपद में 45034 पीली श्रेणी के कुपोषित तथा 5460 लाल श्रेणी के कुपोषित बच्चे हैं। मंत्री स्वाति सिंह ने निर्देशित किया कि हर आंगनवाड़ी केंद्र सुनिश्चित करें कि हर श्रेणी के प्रति माह कम से कम एक बच्चा को कुपोषण से मुक्त कराना है, तो कुछ माह में ही पूरा जनपद कुपोषण मुक्त हो जाएगा। जनपद में विधायको, अधिकारियों एवं सेवी संस्थाओं, सभासदों, प्रधानाचार्य द्वारा कुल 838 आंगनवाड़ी केंद्र गोद लिए गए हैं और वहां अतिरिक्त पोषण आहार दिया जा रहा है। 26 लाल रंग कुपोषित बच्चों के परिवारों को निशुल्क गाय उपलब्ध कराई गई है और परिवार को गाय को खिलाने हेतु 900/- रुपये प्रतिमाह धनराशि दी जा रही है। मंत्री ने कहा कि ऐसे परिवार के बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति को फॉलो करें तथा गाय उनके पास रह रही है यह भी पर्यवेक्षण करें। आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को हरी साग सब्जी उपलब्ध कराने हेतु 697 आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाई गई है। जिसमें पैदा हो रही सब्जी बच्चों को खिलाने हेतु उन्हें दी जा रही है। मंत्री ने कहा कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं किशोरी हेतु सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला टेक होम राशन-चावल, गेहूं, चना दाल, तेल का सही वितरण पात्रों को हर माह किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं होनी चाहिए। बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ आदि उपस्थित रही।