प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का सांबा चावल व चंदौली का काला चावल चला विदेश,
वाराणसी
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का सांबा चावल और चंदौली का काला चावल पहली बार विदेशों में हुआ निर्यात,प्रधानमंत्री का संकल्प सिद्धि की ओर अग्रसर, किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास से विदेशों में किए जा रहे चावल का निर्यात मील का पत्थर साबित होगा,
एम अंगामुथुवाराणसी से फल, सब्जियों के साथ-साथ अब चावल का भी किया जा रहा निर्यात से किसानों के दिन बहुरेंगे,
अध्यक्ष एपीडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय,वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया किसानों की उपज को विदेशों में निर्यात करने की सुलभ व्यवस्था हेतु शीघ्र ही वाराणसी में बनेगा पैकेज हाउस, जहां हमारा निर्यात बढ़ रहा हैं, वही अंतरराष्ट्रीय मार्केट में हमारे उपज का उचित व अधिक मूल्य मिल रहा है क्योंकि क्वालिटी का इंश्योरेंस लोगो को मिल रहा है,
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का सांबा व चंदौली का काला चावल पहली बार विदेश यात्रा पर निकला,
520 मीट्रिक टन क्षेत्रीय चावल अर्थात सांबा चावल व 12 मीट्रिक टन काला चावल सहित 532 मीट्रिक टन चावल दोहा कतर को भेजा गया,
बनारस का लंगड़ा एवं दशहरी आम, गाज़ीपुर की हरी मिर्च एवं मटर पहले से ही विदेश की यात्रा कर रहा है,
कल खुलेगा एपीडा का नया ऑफिस अध्यक्ष एपीडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एम अंगामुथु करेंगे उदघाटन,
अध्यक्ष एपीडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एम अंगामुथु एवं कमिश्नर दीपक अग्रवाल बुधवार को हरहुआ रिंग रोड चौराहा सिंधोरा रोड अंडर पास पर काला चावल एवं अन्य क्षेत्रीय चावल के 532 मैट्रिक टन के एक बड़े इंसाइमेंट के 03 बड़े ट्रक लारियों को हरी झंडी दिखाकर दोहा कतर के लिये रवाना किया, इस प्रकार बनारस सहित आसपास जिलों के कृषि उत्पादों को विदेशों में निर्यात करने की मुहिम में बुधवार को एक नई कड़ी जुड़ गयी, इस अवसर पर अध्यक्ष एपीडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एम अंगामुथु ने कहा कि वाराणसी सहित अन्य आसपास के जिलों में किसानों की पैदावार को लगातार निर्यात करने की पहल हो रही है, इससे उत्तम किस्म की खेती के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी,उन्होंने बताया कि चावल वाहनों के जरिए यहां से गुजरात और फिर वहां पोर्ट से सिप के जरिए कतर जाएगा। एम अंगामुथु ने कहा कि यहां के हार्टिकल्चर के साथ-साथ फ्लावर को भी विदेशों में निर्यात किया जाएगा
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि एपीडा व हॉर्टिकल्चर के माध्यम से किसानों का प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है, ताकि निर्यात के मानकों के अनुरूप किसान अपनी उपज पैदा कर सके, उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि इससे जहां हमारा निर्यात बढ़ रहा हैं, वही अंतरराष्ट्रीय मार्केट में हमारे उपज का उचित व अधिक मूल्य मिल रहा है, क्योंकि क्वालिटी का इंश्योरेंस लोगो को मिल रहा है और बड़े-बड़े स्टोर में हमारे उपज को लेकर लोग जा रहे है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि आगामी दिनों में प्रधानमंत्री के लक्ष्य एवं संकल्प के अनुरूप कि किसानों की आय दोगुना करना है के सिद्धि की दिशा में ठोस एवं कारगर प्रयास किया जा रहा है, आने वाले दिनों में वाराणसी के इस पूरे परिक्षेत्र को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट का व फूड प्रोसेसिंग का बहुत बड़ा हब बनाया जा रहा है, उन्होंने बताया कि चंदौली में गत दो-तीन वर्ष से वहां के किसानों द्वारा नए किस्म के काला चावल का उपज किया जा रहा है। किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य दिलाने के लिए एपीडा के माध्यम से विदेशों में निर्यात कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में यहां की सब्जी एवं आम भारी मात्रा में विदेशों में निर्यात किया जायेगा, काशी को आने वाले समय में एक्सपोर्ट का बहुत बड़ा हब बनाया जाएगा। जिससे आसपास के रिजन सहित पूर्वांचल के किसानों के उपज को यहां पर हब बनाकर उनके उपज को विदेशो में भेजा जा सके। ताकि किसानों को उनकी उपज का प्रत्येक दशा में उचित मूल्य मिले और उनकी आए दोगुना हो सके, उन्होंने बताया कि शीघ्र ही उत्तर प्रदेश सरकार व भारत सरकार के सहयोग से स्टैंडर्ड स्तर का पैक हाउस वाराणसी में तैयार होगा। जिससे पैकिंग के लिए ग्रेडिंग व सेटिंग के लिए लखनऊ व अन्य जगह किसानों के ऊपर को नहीं भेजना पड़ेगा, उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर छोटा पूरी स्टोर शुरू भी हो गया है तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी से वार्ता चल रहा हैं, शीघ्र ही एक छोटा पैक हाउस लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बनाया जायेगा, उन्होंने बताया कि वाराणसी सहित अन्य आसपास के जिलों में किसानों की पैदावार को लगातार निर्यात करने की पहल हो रही है, इससे उत्तम किस्म की खेती के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। सिर्फ सावा व काला चावल ही नहीं बल्कि आम और हरी मिर्च का निर्यात भी लगातार ही किया जाएगा। इसके पूर्व भी बनारस के आम को निर्यात किया गया था और निश्चित रूप से ही प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर देने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के बारे में विभाग का या बड़ा प्रयास है, उन्होंने बताया कि हाल ही वर्चुअल मीटिंग के दौरान देश के बहुतायत एक्सपोर्टरों ने यहां के उत्पाद के प्रति खासी दिलचस्पी दिखाई थी। काला चावल की डिमांड अस्सी टन के आसपास है, उत्पादन इस बार ज्यादा हुआ है, इसलिए डिमांड पूरी करने की पूरी कोशिश हो रही है। लगड़ा आम का क्षेत्रफल इस बार बढ़ाया गया है, क्योंकि वाराणसी के लंगड़ा आम की डिमांड ज्यादा है। फसल ठीक ठाक रही तो अच्छी आमदनी किसानों को होगी। किसानों को अंतरराष्ट्रीय मानक के तहत उत्पादन करने के साथ ही पैकजिंग आदि के तौर तरीके सीखाने के लिए लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है, निर्यात के क्षेत्र में यह खासा लाभदायक होगा। इसके अलावा निर्यात के मानक को पूरा कर उत्पाद करने वाले किसानों के खेतों को अन्य किसानों को भी दिखाया जा रहा है ताकि वह जमीन पर उपज को देखकर उसी के अनुसार कार्य कर सकें, एफपीओ के गठन पर भी जोर है। साथ ही लाइसेंस भी जारी किया जाएगा, ताकि वह आगे खुद ही व्यापार की दिशा में आगे आएं और अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकें,
डॉ सी.बी. सिंह (क्षेत्रीय प्रभारी एपीडा) ने बताया कि एपीडा वाराणसी में भी कार्यालय खोलने जा रहा है। एपीडा कार्यालय का उद्घाटन भी 17 दिसंबर 2020 को एपीडा कार्यालय सर्किट हाउस के सामने, कम्पाउंड ऑफ हॉर्टिकल्चर विभाग में होगा,