आज के वैश्वीकृत दुनिया में विश्व के किसी एक हिस्से की घटनाएं पूरे विश्व पर प्रभाव पैदा करती है-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
यूक्रेन संघर्ष और कोविड महामारी से ग्लोबल सप्लाई चेन्स पर बड़ा असर पड़ा है। खाद्यान्न, उर्वरक, और ईंधन की कमी विकासशील देशों के लिए बड़ी चिंता के विषय हैं,आज यह नीति भारत और रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की एक प्रमुख स्तम्भ बन गयी है, 2019 में मुझे इस फ़ोरम में रूबरू हिस्सा लेने का मौका मिला था। उस समय हमने भारत की एक्ट फार ईस्ट नीति की घोषणा की थी और परिणामस्वरूप रशियन फार ईस्ट के साथ विभिन्न क्षेत्रों में भारत का सहयोग बढ़ा है इसी महीने व्लादिवोस्तोक में भारत के कांसुलेट की स्थापना के तीस वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस शहर में कांसुलेट खोलने वाला पहला देश भारत ही था: वर्चुअली रूस में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते, भारत आर्कटिक विषयों पर रूस के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत करने के लिए इच्छुक है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। उर्जा के साथ-साथ भारत ने फार्मा और हीरे के क्षेत्रों में भी रशियन फार ईस्ट में महत्वपूर्ण निवेश किए हैं, यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही हमने कूटनीति और वार्ता का मार्ग अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। हम इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी शांतिपूर्ण प्रयासों का समर्थन करते हैं,