बीएचयू अस्पताल अधीक्षकके खिलाफ धरना दे रहे डॉ ओम शंकर को मिला जनसमर्थन,
छात्र, प्रोफेसर,आम नागरिकों ने आक्रोश मार्च डॉ ओम शंकर के समर्थन मे विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक निकाला जिसमें हजारों की संख्या में लोंग रहे शामिल,
विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदर लाल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के अध्यक्ष, प्रोफ़ेसर ओम शंकर कमरा नं. 19 , हृदय रोग विभाग में पिछले पाँच दिन से आमरण अनशन पर हैं। यह अनशन शनिवार को जारी हुआ था। चार दिन में उनका वजन पाँच किलो कम हुआ है। मंगलवार अस्पताल की एक टीम उनकी सेहत की जांच करने पहुंची थी। इस दौरान उनका वजन 88.4 किलो है। वहीं बीपी भी घट गया है।
डॉ ओम शंकर अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार पर हमेशा पूरे दमख़म से सक्रिय रहे हैं। इस बार भी उन्होंने बेहद गंभीर मुद्दे पर सभी प्रयासों के विफल होने पर आमरण अनशन जारी कर दिया है। उनका यह – जांच समिति द्वारा ब्लड बैंक के भ्रष्टाचार में संलिप्त अस्पताल के अधीक्षक डॉ के के गुप्ता के ख़िलाफ़ अभी तक का विवरण इस प्रकार है पहले सर सुंदर लाल अस्पताल के पुराने भवन में कार्डियोलॉजी विभाग में 47 बेड ही थे, लेकिन डॉ. ओम शंकर के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में एम्स स्थापित किए जाने के लिए वर्षों के आंदोलन के बाद वर्तमान सरकार ने सुपर स्पेशलिटी विभागों में बिस्तरों की कमियों को दूर करने के लिए 450 बेड के नए सुपर स्पेशलिटी भवन बनाने के लिए धनराशी आबंटित की । सुपर स्पेशलिटी भवन बनने के बाद इस भवन में हृदय विभाग को सेवा विस्तार के लिए 41 और बिस्तर आबंटित किए गए , जिस पर चिकित्सा अधीक्षक को कई सारे पात्र लिखने के बाद भी लगातार उसको डिजिटल ताला लगाकर लॉक करके रखा।
डॉ ओम शंकर द्वारा बेड की समस्या को लेकर बार- बार प्रश्न उठाने की वजह से अगस्त- 2023 में इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई। कमेटी 2 महीने के गहन विमर्श के बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में बहुमत से इस निष्कर्ष पर पहुची की हृदय विभाग अब पुराने भवन में आबंटित बिस्तरों के बदले सम्पूर्ण हृदय विभाग को सुपर स्पेशलिटी भवन मे स्थानतारित कर दिया जाय। जहां पर हृदय विभाग को संपूर्ण चौथा तल और आधा पंचम तल दिया जाय। लेकिन 5 महीने बीत जाने और कुलपति , निर्देशक और चिकित्सा अधीक्षक को बार-बार पात्र लिखकर समिति की संस्तुतियों को लागू करने के आग्रह के बाद भी जब इस पर कोई सकारात्मक कार्यवाई नही की गई तो विवश होकर मार्च के पहले हफ्ते में सबंधित अधिकारियों को 8 मार्च से बेमियादी आमरण अनशन शुरू करने के लिए पत्र लिखा। जिसके बाद 8 मार्च को चिकित्सा विज्ञान केंद्र के निर्देशक ,डीन और डॉ. शंकर के बीच आम सहमति बनी कि समिति द्वारा हृदय विभाग को आबंटित सभी बेड तत्काल प्रभाव से डिजिटली अनलॉक करके हृदय विभाग को मरीजों की सेवा के लिए उपलब्ध करवा देने के लिए चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया । फिर से एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जब डॉ. के के. गुप्ता ने निर्देशक महोदय के हृदय विभाग को आबंटित बेड को लागू नहीं किया तो डॉ. शंकर ने कुलपति , चिकित्सा अधीक्षक , निर्देशक को उस आदेश को लागू करने के लिए एक पात्र लिखा ।
फिर से 2 हफ्ते बीत गए लेकिन डॉ. के. के. गुप्ता ने निर्देशक के आदेश का पालन नही किया तो कुलपति , चिकित्सा अधीक्षक और निर्देशक को फिर से एक रिमंडर लेटर लिखा जिसके 2 से 3 दिन बाद अपराधी चिकित्सक अधीक्षक ने निर्देशक द्वारा हृदय विभाग को आबंटित बेड हृदय विभाग को देने की बजाय, उसे ओंको सर्जरी विभाग को आबंटित कर दिया ।
चिकित्सा विज्ञान संस्थान बेड आबंटन का अधिकार BHU के कानूनों के अनुसार निर्देशक के पास होता है क्योंकि वो अस्पताल मैनेजमेंट कमेन्टी और इंस्टीट्यूट पी. बी. सी. के de -facto चेयरमैन होते हैं, न कि अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक , इसलिए डॉ. गुप्ता द्वारा ओंको सर्जरी को किए गए बेड का आबंटन न सिर्फ गर कानूनी है बल्कि यह निर्देशक और डीन के आदेश की अवहेलना भी हैं और उनका अपमान भी, जिसके लिए भी डॉ. गुप्ता के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाई की जानी चाहिए।
मांगें-
1- नव निर्मित स्पेशलिटी ब्लॉक में हृदय रोग विभाग के लिए आवंटित संपूर्ण चौथा तल और आधा पंचम तल को कार्डियोलॉजी विभाग के लिए तत्काल खोला जाय ।
2- भ्रष्टाचारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के. के. गुप्ता को तत्काल निलंबित किया जाय क्योंकि विश्ववविद्यालय स्तर पर गठित कमेटी के आधार पर डॉ. के. के. गुप्ता अपराधी हैं ।
प्रो. ओमशंकर ने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी अनशन जारी रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम से सोशल मीडिया पर एक पत्र जारी किया, जिसमें मामले की पूरी जानकारी दी गई है। धारणा स्थल पर विद्यार्थी ,प्रोफेसर , मरीज और आम जन भी मिलने आए लोग अपनी सहमति और संवेदनाएं आकर प्रकट कर रहे हैं। आज दिनांक 15 मई , दिन बुधवार सायं 6 बजे से डॉ. ओम शंकर की मांगों के समर्थन में “आक्रोश मार्च ” विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक निकाला गया। जिसमें हजारों की संख्या में विद्यार्थी , प्रोफेसर और आमजन भी शामिल हुये। लोगों का यह समर्थन धरने के साथ अनवरत जारी रहेगा।